Monday, 10 October 2011

'आदमी अध्यवसायी था'

'आदमी अध्यवसायी था' अगर
इतने ही की जयंती मनाकर
सी दी गई उसकी दृष्टि
उसके ही स्वप्न की जडों से
न उगने पाईं
उसकी कोशिशें
बेलोच पथरों के मुकाबले
कट कर रह गए उसके हाथ
तो कौन संस्कार देगा
उन सारे औजारों को
जो पत्थरों से ज्यादा उसको तराशते रहे.' (कुँवर नारायण)

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