मातृ सदन, हरिद्वार। 26 जुलाई 2010। प्रख्यात पर्यावरणविद् और वैज्ञानिक प्रोफेसर जीडी अग्रवाल जी का आमरण अनशन आज सातवें दिन भी जारी है। प्रो. जीडी अग्रवाल जी का छोटा सा संकल्प है कि ‘गंगोत्री से लेकर धरासू तक 130 किलोमीटर गंगा की भागीरथी धारा को उसी रुप में रहने दो। ताकि आने वाला पीढ़ी इस गंगा को देख के समझे कि यही गंगा हमारे भारतवर्ष में बहती थी।‘ आज सरकार उसे भी नष्ट करने पर तुली है। इस संकल्प के साथ वे दो बार और अनशन कर चुके हैं।
स्वामी हंसदेवाचार्य ने कहा कि गंगा भारतीय संस्कृति का आधार और विश्व के आस्था का केन्द्र है। लोहारी नागपाला परियोजना जो की भागीरथी धारा पर बन रही है, को हम किसी कीमत पर बनने नहीं देंगे। संत समिति और गंगा महासभा सरकारों के इस प्रयास का पुरजोर विरोध करेंगे।
गंगा महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री आचार्य जितेन्द्र अनशन स्थल पहुंच कर अनशन को पूर्ण समर्थन देने कि घोषणा की है। मातृसदन के संस्थापक स्वामी शिवानंद ने कहा कि केन्द्र सरकार ने परियोजना को हरी झंडी दिखाकर संत समाज के साथ धोखा किया है। लोहारी नागपाला गंगा और हिमालय को बहुत ज्यादा क्षति पहुंचायेगी।
प्रो. जी.डी अग्रवाल के अमरण अनशन के समर्थन में विभिन्न स्थानों पर लोगों ने 21 दिवसीय उपवास शुरू किए। साध्वी समर्पिता ने नानक पुरा सप्तऋषि ने अनशन जारी रखा है।
प्रो. अग्रवाल जी के इस उद्यात्त सत्याग्रह को समर्थन देने वालों का तांता लगा हुआ है। अग्रवाल जी के समर्थन में ग्राम अजीतुपर के डॉ. विजेन्द्र चौहान व श्री पूरणचन्द कश्यम एक दिवसीय उपवास में रहे। इसके अतिरिक्त आशीषगौड़, नीलिमास्वरुप मुजफ्फर नगर, दरभंगा बिहार से देवानन्द झा, मुम्बई से राजकुमार झा, खरीदाबाद से राखी, दिल्ली से साक्षी, देहरादून से नीतिन व सोनिया पाण्डे, इसके अतिरिक्त जिला बार काउन्सिल के अध्यक्ष एडवोकेट ललित उपाध्यक्ष, अरुण कुमार भदौरिया आदि ने अनशन अनशन स्थल पर आकर समर्थन किया।
Asha hai sarkar jald hee jagegi.
ReplyDeleteसंकल्प तो उत्तम है मगर प्रोफ़ेसर जी डी अग्रवाल की कुछ तारीफ़ तो बताये होते !
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